हमेशा से सुर्खियों में रहने वाला वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली उत्तराखंड औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, भरसार एक बार फिर चर्चा में है। कारण है शोध एवं प्रसार केन्द्र, सेलाकुई में प्रभारी अधिकारी के रूप में जन सम्पर्क अधिकारी की नियुक्ति। विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो तेज प्रताप के द्वारा इसका आदेश दिनांक 9 जुलाई 2019 को जारी किया गया था। वैसे तो नियमानुसार शोध एवं प्रसार केन्द्र का प्रभारी किसी वैज्ञानिक को ही बनाया जाना चाहिए। परंतु यह तो भरसार के कुलपति ही बता सकते हैं कि आखिर जनसम्पर्क अधिकारी वहां क्या शोध करेंगे!
जबकि शासन इस सम्बन्ध में पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि कुलपति और कुलसचिव दोनों भरसार बैठेंगे।
चूंकि जनसम्पर्क अधिकारी कुलपति का स्टाफ हुआ ऐसे में कुलपति भरसार और जन सम्पर्क अधिकारी देहरादून बैठेंगे!
सूत्रों से ज्ञात हुआ कि कृषि मंत्री के संज्ञान में आते ही उन्होंने कुलपति प्रो कर्नाटक को निर्देशित करते हुए तत्काल जनसंपर्क अधिकारी वी. पी. बिष्ट को भरसार बैठने का आदेश दिया है।
अब देखना होगा कि कृषि मंत्री के आदेशों का पालन कितनी ईमानदारी से होता है जबकि इससे पूर्व भी कृषि मंत्री कई बार जन सम्पर्क अधिकारी के देहरादून बैठने पर आपत्ति जता चुके हैं।
PRO को बना दिया शोध केन्द्र का प्रभारी