इनका जन्म 14 अक्टूबर 1885 को पाटली गांव ;चमोलीद्ध में हुआ था। 1913 से 1919 के बीच इंग्लैण्ड में कानून की पढ़ाई के दौरान इनका तिलक से परिचय हुआ और राजनीतिक सक्रियता में वृ(ि हुई। परिणामस्वरूप इंग्लैण्ड से लौटने पर ;1919 मेंद्ध इन्हें गिरफ्रतार करके नैनी ;इलाहाबादद्ध जेल में डाल दिया गया।
सन् 1926 में वे स्वराज दल के टिकट पर गढ़वाल से चुनाव जीते थे। 1962 से 1967 तक उन्होंने लैंसडौन विधान सभा क्षेत्रा का प्रतिनिधित्व किया। इसके बाद उन्होंने सक्रिय राजनीति से सन्यास ले लिया।
राजनीति को त्यागने के बाद अपना जीवन 'गढ़वाली' साहित्य और कला के पुनरूत्थान में लगा दिया। गढ़वाल चित्राकला शैली के प्रसि( चित्राकार मौलाराम के चित्रों को खोजकर उन्हें कला जगत में प्रसि(ि के शिखर तक पहुंचाने में उनका महत्वपूर्ण योगदान है। वर्ष 1969 में प्रकाशित उनकी पुस्तक 'गढ़वाल पेटिंग्स' भारतीय चित्राकला का अमूल्य ग्रन्थ है। 10 जनवरी, 1982 को उनका निधन हो गया।
बैरिस्टर मुकुन्दीलाल