यह याचिका अनुú 22 के तहत व्यक्तिगत स्वतंत्राता का अधिकार मानी जाती है। इसके द्वारा न्यायालय बन्दी बनाऐ गये व्यक्ति को अपने समक्ष उपस्थित करने का आदेश देता है ताकि यह देखा जा सके कि बन्दी बनाए जाने के समुचित कारण उपलब्ध है या नहीं। यदि नहीं तो व्यक्ति को बाइज्जत रिहा कर दिया जाएगा।
बन्दी प्रत्यक्षीकरण याचिका