अधिकार पृच्छाः

यदि किसी व्यक्ति नेे किसी संवैधानिक पद को अवैध रूप से ग्रहण कर लिया है, तो उसके प्रति न्यायालय उसकी व्यवहारिकता की जांच कर सकता है। 
अनुच्छेद-33 संसद, पुलिसबल व सेना के मौलिक अधिकारों को परिवर्तित कर सकती है, ऐसे अधिनियम को न्यायालय में कभी भी चुनौती नहीं दी जा सकती है। 
अनुच्छेद-34 संसद को यह शक्ति प्रदान करता है, जब किसी क्षेत्रा में सेना विधि लागू हो तो संसद विधि बनाकर वहां के नागरिकों के मूल अधिकारों को अंशतः या पूर्णतः समाप्त कर सकती है। 
अनुच्छेद-35 मौलिक अधिकारों पर विधि बनाने का अधिकार सिपर्फ संसद को है।