अलकनंदा व पिंडर संगम

चमोली जनपद में बदरीनाथ मार्ग पर अलकनंदा व पिंडर नदी के संगम पर कर्णप्रयाग तीर्थ स्थित है। कहते हैं कि यहां पर महादानी कर्ण ने सूर्यदेव की आराधना कर अभेद्य कवच प्राप्त किया था। केदारखंड पुराण में कर्णप्रयाग के विषय में लिखा गया है-
ब्रह्मपुत्रा तपः स्थानादाग्नेयाश्रितभागके।
स्थानं परमरम्यं हि शिवलोकप्रदायकम्।।
यहाँ पर उमादेवी का विशाल प्राचीन मंदिर, कर्ण मंदिर, लोक निर्माण विभाग, वन विभाग, गढ़वाल मंडल-विकास-निगम, बदरीनाथ मंदिर समिति के विश्रामगृह तथा कालीकमली की धर्मशाला के अलावा राजकीय महाविद्यालय, राजकीय इंटर कालेज, राजकीय कन्या इंटर कालेज, आई.टी.आई. तथा तहसील व विकासखंड, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र व राजकीय विभागों के प्रमुख कार्यालय हैं। यहां से एक मोटर मार्ग द्वारहाट-रानीखेत-अल्मोड़ा व दूसरा बागेश्वर को जाता है। कर्णप्रयाग, जनपद चमोली का एक प्रमुख केन्द्र स्थान है। यहां से एक मोटर मार्ग नन्दादेवी सि(पीठ नौटी को भी जाता है।