बदरीनाथ मार्ग पर जोशीमठ से लगभग 10 किलोमीटर आगे अलकनंदा व विष्णुगंगा ;धवलीद्ध के संगम पर स्थित विष्णुप्रयाग तीर्थ है। यहां से 'सूक्ष्म-बदरीनाथ' क्षेत्रा प्रारंभ होता है। विष्णुप्रयाग संगम आवास रहित एवं दुर्गम है। मुख्य मार्ग पर विष्णु भगवान का मन्दिर है। किंवदंती है कि यहां पर देवर्षि नारद ने अष्टाक्षरी मंत्रों का जाप व विष्णु भगवान की आराधना कर उनके साक्षात् दर्शन करके वर प्राप्त किया था। संगम के दोनों ओर जय-विजय पर्वत इस भांति खड़े हैं, जैसे भगवान विष्णु के द्वारपाल हों। यहां पर धौली गंगा की जलराशि अलकनंदा से इतनी अधिक है कि वह कापफी दूर तक अलग बहती दिखाई देती है। संगम पर तीव्र गर्जन युक्त ध्वनि के कारण स्थायी निवास नगण्य हैं।
अलकनंदा व विष्णुगंगा का संगम स्थल