अनुच्छेद 63 उपराष्ट्रपति

भारत का एक उपराष्ट्रपति होगा 
अनुच्छेद 64 उपराष्ट्रपति का राज्यसभा का पदेन सभापति होना-
थ् उपराष्ट्रपति राज्यसभा का पदेन सभापति होगा और अन्य कोई लाभ का पद धरण नही करेगा। 
थ् परन्तु जिस किसी अवध् िके दौरान उपराष्ट्रपति अनु0 65 के अधीन राष्ट्रपति के कार्यांे का निर्वाहन करता है। उस अवध् िके दौरान वह राज्य सभा के पद के कर्तव्यों का पालन नहीं करेगा। और साथ ही साथ अनु0 97 के अध्ीन राज्य सभा के सभापति के रूप में वेतन भत्ते का हकदार नही होगा। 
अनुच्छेद 66- उपराष्ट्रपति का निर्वाचन 
थ् उपराष्ट्रपति का निर्वाचन एकल संक्रमणीय प(ति के द्वारा आनुपातिक प(ति से होता है। 
थ् उपराष्ट्रपति का निर्वाचन भी अप्रत्यक्ष प(ति द्वारा होते है। 
अनुच्छेद 67 - उपराष्ट्रपति की पदावध् ि-
;1द्ध इसका कार्यकाल 5 वर्ष का होता है
;2द्ध यह अपना त्यागपत्रा राष्ट्रपति को दे सकता है। 
;3द्ध उपराष्ट्रपति अपने पद की अवध् िसमाप्त हो जाने पर भी तब तक पद धरण करता रहेगा जब तक उसका उत्तराध्किारी अपना पद ग्रहण नही कर लेता । 
अनुच्छेद 68- यदि उपराष्ट्रपति की मृत्यु या पद त्याग या पद से हटाये जाने या अन्य कारण से हुई उसके पद में रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचन, रिक्त होने के पश्चात यथाशीध््र किया जाएगा। 
अनुच्छेद 69- उपराष्ट्रपति के लिए शपथग्रहण। 
राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति को शपथ दिलाता है ।
अनुच्छेद 70- संसद उपराष्ट्रपति को राष्ट्रपति के कार्यांे के निर्वाहन के लिए आकस्मिक स्थितियों में वह उपबन्ध् कर सकेगी जो संसद ठीक समझे। 
थ् डा0 राधमृष्णन, डा0 जाकिर हुसैन, वी0वी0 गिरि, आर0 वेंकटरमन, डा0 शंकर दयाल शर्मा, के0 आर0 नारायण 6 ऐसे उपराष्ट्रपति है जो राष्ट्रपति के पद पर भी रहें। 
थ् डा0 राधकृष्णन ने लगातार दो बार उपराष्ट्रपति पद को धरण किया और एक बार राष्ट्रपति पद को धरण किया।