अशोक और उसका कार्यकाल

1750 ई0 में टी0 पफेनथेलर ने अशोक का पहला शिलालेख खोजा ;दिल्ली मेरठद्ध
1837 में जेम्स प्रिसेंप ने दिल्ली-तेपरा अभिलेख को पढ़ने में सपफलता प्राप्त की। 
सभी शिलालेख प्राकृत भाषा में हैं व इन्हें ब्राह्यी, खरोष्ठी अरमाइक व यूनानी लिपियों में लिखा गया है। 
अशोक का सर्वप्रथम मास्की व गजर्रा में पढ़ा गया। ;1915द्ध शेष में उसका नाम प्रियदर्शी व तिस्स मिलता है। 
प्रयाग स्तम्भ लेख में अशोक की रानी कारूवाकी व पुत्रा तीवर का उल्लेख मिलता है। 
अशोक का राज्याभिषेक 269 ई0पू0 में हुआ। 
राज्याभिषेक के 8वें वर्ष ;261 ई0पू0द्ध में उसने कलिंग में आक्रमण किया। 
10वें वर्ष बौ( गया की यात्रा की, 12वें वर्ष निगालिसार की यात्रा की, 14 वें वर्ष धर्म महामात्रों की नियुक्ति की, 20वें वर्ष लुम्बिनी गांव की यात्रा की, यहां का कर घटाकर 1/8 किया गया। 
उसके 14 विभिन्न लेखों का समूह 8 स्थानों से प्राप्त हुए।