भारत छोड़ो आन्दोलन (1942) अगस्त क्रांति 

14 जुलाई 1942 को वर्धा सम्मेलन में भारत छोड़ो आन्दोलन का प्रस्ताव पारित किया गया। 
1 अगस्त 1942 को तिलक दिवस मनाया गया। 
गांधी जी ने इस अवसर पर करो या मरो का नारा दिया। 
ब्रिटिश सरकार द्वारा आपरेशन जीरो पाॅवर चलाकर सभी बडे नेताओं को गिरफ्रतार कर लिया गया। अतः इसे नेता विहीन आन्दोलन भी कहा जाता है। 
आन्दोलन के दौरान राम नोहर लोहिया व ऊषा मेहता द्वारा कांग्रेस रेडियो का प्रसारण मुम्बई से किया गया। 
बाद में जयप्रकाश नारायण ने भूमिगत होकर इस सम्मेलन को नेतृत्व प्रदान किया। 
इस दौरान अनेक स्थानों पर संमानांतर सरकारों का निर्माण हुआ। बलिया में चितू पाड़े ने सरकार बनाई, तामलुक (बंगाल में) जातीय सरकार बनाई जो 1944 तक चली। 
सतारा में वाई.वी. चैव्हाण के नेतृत्व में सरकार बनी जो सबसे लम्बे समय तक चलने वाली राष्ट्रीय सरकार थी।