भविष्य बदरी 

जोशीमठ-नीति घाटी मोटर मार्ग पर जोशीमठ से 18 किलोमीटर की दूरी पर भविष्य बदरी स्थान है। यहां पहुंचने के लिए मोटर मार्ग से तीन किलोमीटर का चढ़ाई युक्त पैदल मार्ग तय करना पड़ता है। यहां विष्णु भगवान के मंदिर में भविष्य-बदरी की आधी आकृति युक्त मूर्ति की पूजा होती है। कहते हैं कि घोर कलयुग आने पर बद्रीनाथ के मार्ग पर जब नर-नारायण पर्वत आपस में मिल जायेंगे, तब बद्रीनाथ जी की यात्रा अगम्य हो जाएगी और भविष्य बदरी में बद्रीनाथ जी की आधा आकृति की यह मूर्ति पूर्ण होकर भगवान भविष्य-बदरी में प्रकट हो जायेगी, तब बद्रीनाथ जी की पूजा भविष्य बदरी में होने लगेगी। पुराणों में इसका उल्लेख इस प्रकार है-
यावद् विष्णोंः कला तिष्ठेद ज्योतिः संज्ञे निजालये।
गम्यं स्याद् बदरी क्षेत्रां, अगम्यं च ततः परम।।