राजा राम मोहन राय को भारतीय पुर्नजागरण का अग्रदूत, राष्ट्रवाद का जनक कहा जाता है।
वे प्रारम्भ में ब्रिटिश अधिकारी जाॅन डिग्बी के दिवान बने।
1814 में उन्हांेनें आत्मीय सभा की स्थापना की।
1821 में यूरीटेरियन मिशन (एकेश्वरवाद) की स्थापना की।
1817 में कलकत्ता में डेविड हेयर के साथ मिलकर हिन्दू काॅलेज की स्थापना की।
1825 में कलकत्ता में ही वेदान्त काॅलेज की स्थापना की।
1828 में कलकत्ता मंे ब्रह्म समाज की स्थापना की।
आपके प्रयासों से 1829 में सत्ती प्रथा पर प्रतिबंध लगा।
1830 मंे मुगल सम्राट अकबर द्वितीय ने आपको राजा की उपाधि दी व अपना राजदूत बनाकर लंदन भेजा।
1833 में इंग्लैण्ड के ब्रिस्टल शहर में इनकी मृत्यु हो गयी।
ब्रह्म समाज व राजाराम मोहन राय