ब्रह्माण्ड - एक नजर में

पृथ्वी की अनुमानित आयु - लगभग 5 अरब वर्ष  
पृथ्वी द्वारा अपने कक्ष पर घूर्णन अवध् ि- 23 घंटा, 56 मिनट 4.091 सेकेण्ड  
सूर्य की पृथ्वी से दूरी - 149.8  मिलियन किमी.  
सूर्य का व्यास - 1392000 किमी. 
सूर्य की घूर्णन अवध् ि- 25.38 दिन विषुवत  
सूर्य से पृथ्वी तक प्रकाश पहुंचने का समय - 8 मिनट 18 सेकेण्ड  
पृथ्वी द्वारा सूर्य की परिक्रमा अवध् ि- 365 दिन 5 घंटा, 48 मिनट 45.51 सेकेण्ड   
गैलेक्सी का अध्किांश भाग तारों से ही बना हैं, इसके उफर्जा का स्त्रोत नाभिकीय होता हैं। 
तारों का एक ऐसा समूह जो ध्ुध्ला दिखाई देता है, गैलेक्सी कहलाता हैं। 
सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड में करोडो गैलेक्सी है, नवीनतम गैलेक्सी ड्वापर्फ हैं।
हमारा सौर तंत्रा जिस आकाश गंगा में स्थित हैं, उसे मन्दाकिनी या आकाशगंगा कहते हैं। 
हमारी आकाशगंगा में 100 विलियन तारे हैं। 
आकाशगंगा या मिल्की वे (जिसे ऐरावत हाथी का मार्ग भी कहते हैं) एक गैलेक्सी है जो पृथ्वी से एक चमकीली नदी जैसी चैडी पट्टी की तरह दिखाई पडती हैं, यह सर्पिलाकार गैलेक्सी है, इसे एन्ड्रोमेडा कहते हैं।
इसका व्यास 100000 प्रकाश वर्ष हैं। 
आकाश गंगा में लगभग 1 खरब तारे है। हमारा सौर मण्डल इसी आकाश गंगा का एक सदस्य हैं । 
आकाश गंगा के केन्द्र की परिक्रमा करने में सूर्य को लगभग 200 मिलियन वर्ष लगते हैं। 
कैलीपफोर्निया विश्वविद्यालय के प्रो ज्योकराय बुरबिज ने प्रतिपादित किया कि प्रत्येक गैलेक्सी ताप नाभिकीय अभिक्रिया के पफलस्वरूप अध्किाध्कि मात्रा में हीलियम उत्सर्जित करती है, जो उपस्थित गैस और ध्ूल के गर्म होने से होता हैं। तारों के बीच में जो अंध्ेरी पट्टी दिखलाई पडती हैं, वह खगोलीय ध्ूल के कारण हैं, जो तारों के प्रकाश को अवशोषित कर लेती हैं। 
हमारे ब्रह्माण्ड का सबसे विशाल तारा 'एल्पफा ओरिओनिस' माना जाता हैं जिसका व्यास 7000 लाख किमी. हैं। सबसे छोटा तारा न्यूट्रान हैं। जिसका व्यास 10-27 किमी. हैं।