देश का दूसरा सबसे बड़ा सूर्य मंदिर 

9वीं-10वीं शती में राजा कटारमलदेव द्वारा निर्मित 1000 वर्ष पुराने बड़ादित्य सूर्य मंदिर के कारण यह स्थान प्रसि( है। मंदिर में मुख्य प्रतिमा सूर्य की है। अल्मोड़ा के दक्षिण-पश्चिम में 15 किलोमीटर की दूरी पर कटारमल गांव है। सन् 1790 में गोरखों से अल्मोड़ा पर विजय प्राप्त कर अंग्रेजों ने यहीं पर अपनी सैनिक छावनी बनाई थी। मुख्य मंदिर के चारों ओर तथा भीतर 44 छोटे-छोटे मंदिर हैं। गर्भगृह में नृसिंह, कुबेर, लक्ष्मी-नारायण, शिव-पार्वती, गणेश एवं महिषासुरमर्दिनी की मूर्तियां रखी हुई हैं। सूर्य मंदिर के ध्वंस होने पर, इसके उत्तराखण्ड शैली के कपाट राष्ट्रीय संग्रहालय दिल्ली में स्थित हैं। सूर्य मंदिर को आवृत्त करने वाली विशाल ऊँची दिवारों के अवशेष आज भी विद्यमान हैं। उड़ीसा के कोणार्क सूर्य मन्दिर के बाद इस मन्दिर को देश के दूसरे सूर्य मन्दिर का स्थान प्राप्त है। इसके बाद गोधरा सूर्य मन्दिर गुजरात, मार्तंड सूर्यमन्दिर कश्मीर और ओसया सूर्यमन्दिर राजस्थान का श्नाम आता है।