गोचर मेला

चमोली जिले के ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक केन्द्र गोचर में लगने वाला यह औद्योगिक एवं विकास मेला 1943 में गढ़वाल के तत्कालीन डिप्टी कमिश्नर बर्नेडी ने शुरू किया था। उस समय इस मेले का उद्देश्य सीमांत क्षेत्रावासियों को क्रय-विक्रय का एक मंच उपलब्ध कराना था। वर्तमान में पं. जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन पर शुरू होने वाले इस ऐतिहासिक मेले में उत्तरांचल के विकास से जुड़ी विभिन्न संस्कृतियों का खुलकर प्रदर्शन किया जाता है। साथ ही कृषि, बागवानी, पफलोद्यान, रेशम कीट पालन, हथकरघा उद्योग, नवीन वैज्ञानिक तकनीक, महिला उत्थान योजना, ऊनी वस्त्रा उद्योग एवं गढ़वाल मंडल विकास निगम द्वारा उत्पादित विभिन्न प्रकार की वस्तुओं का भी इस मेले में प्रदर्शन होता है।