होम रूल लीग और भारत

होम रूल लीग की स्थापना सर्वप्रथम आयरलैण्ड में आयरीश नेता रेडमण्ड द्वारा की गई थी।
भारत में पहली होमरूल लीग अप्रैल 1916 में पूना में बाल गंगाधर तिलक द्वारा स्थापित की गई थी। इसका कार्यक्षेत्रा मध्य प्रान्त, बम्बई को छोड़कर शेष महाराष्ट्र, कर्नाटक व बरार था।
दूसरी होम रूल लीग मद्रास में सितम्बर 1916 में ऐनी बेसेण्ट द्वारा स्थापित की गई। इसका कार्य क्षेत्रा शेष सम्पूर्ण भारत था।
1916 में कांग्रेस के लखनऊ अधिवेशन में कांग्रेस व लीग के मध्य समझौता हुआ जिसे लखनऊ समझौता कहा जाता है। इसी अधिवेशन में गरमदल व नरमदल पुनः एक हुए।
1919 मेें राॅलेट एक्ट पारित हुआ जिसके विरोध में सम्पूर्ण भारत में जन आक्रोश उठ खड़ा हुआ। इसे काला अधिनियम या न अपील, न वकील व न दलील विधेयक भी कहा जाता है।
पंजाब में 10 अप्रैल के दिन डाॅ0 सत्यपाल व डाॅ0 सैपफुद्दीन किचलू को गिरफ्रतार किया गया। अतः 13 अप्रैल को बैशाखी के दिन अमृतसर में सभा का आयोजन किया गया जिसमें जनरल ओ0 डायर ने सभा पर गोलियां बरसायी जिसके परिणामस्वरूप कापफी लोग मारे गए इसे जलियांवाला बाग हत्याकाण्ड कहा जाता है। उस समय सभा को हंसराज संबोधित कर रहा था। इसके विरोध में रविन्द्र नाथ टैगोर ने नाइट हुड की उपाधि त्याग दी व शंकरन नायर ने वायसराय की कार्यकारिणी परिषद से इस्तीपफा दे दिया।
जलियांवाला बाग की जांच हेतु हण्टर कमेटी व कांग्रेस ने तहकीकात कमेटी (मदन मोहन मालवीय की अध्यक्षता में) गठित की। 
ब्रिटेन में जनरल डायर को साम्राज्य का शेर कहा गया, इसकी हत्या 1940 में लंदन में उधम सिंह द्वारा की गई।