इच्छागिरि कौन थी 

इनका जन्म ग्राम मंज्यूर, तहसील थलीसैंण में हुआ था। इनका वास्तविक नाम ठगुली देवी था। मात्रा 17 वर्ष की आयु में ही विधवा हो गई। बाद में इन्होंने मन्दिर में जाकर सन्यास धारण कर अपना नाम इच्छागिरि रख लिया। उन्होंने पाखण्डी साधुओं के खिलापफ मोर्चा खोला। गढ़वाल में शराब के नाम पर चल रही टिंचरी का विरोध किया। अकेले ही शराब की दुकानों में आग लगा दी। इसलिए उन्हें टिंचरी माई के नाम से जाना जाता है। उन्होनंे गांव में स्कूल खोले। पानी के लिए आन्दोलन किया। वह जन समस्याओं के समाधान के लिए सरकारी अधिकारियों से अकेले भिड़ जाती थी। उन्होंने अपना सारा जीवन सामाजिक कार्यों में लगा दिया।