यह मेला देहरादून में प्रतिवर्ष चैत्रा कृष्ण की पंचमी ;गुरू राम राय के जन्मदिनद्ध से शुरू होता है। यह दिन गुरू राम राय के जन्मदिन होने के साथ ही उनके देहरादून आगमन का दिन भी है। सन् 1676 में इसी दिन उनकी प्रतिष्ठा में एक बड़ा उत्सव मनाया गया था। इस दिवस के कुछ दिन पूर्व पंजाब से भी गुरू राम राय जी के भक्तों का बड़ा समूह पैदल चलकर देहरादून आता है। इस भक्त समूह को संगत कहते हैं। दरबार से गुरू राम राय गद्दी के श्री महन्त उन्हें आमंत्राण देने और उनका स्वागत करने एकादशी को यमुना तट पर 45 किलोमीटर दूर राइयांवाला ;हरियाणाद्ध जाते हैं। ध्वजदण्ड भी दरबार साहिब से ही भेजा जाता है। उन्हें प्रेम और आदर के साथ देहरादून लाया जाता है।
झण्डा मेला