डिया को लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में जाना जाता है। समाज में किसी भी बदलाव के लिए मीडिया की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है। भारत में आजादी के समय मीडिया ने अहम् भूमिका निभाई है। विकट परिस्थितियों में भी मीडिया ने सच्चाई को बेहतरीन तरीके से प्रस्तुत कर अपनी जिम्मेदारी का ईमानदारी से निर्वहन किया है। इसलिए मीडिया को समाज का दर्पण कहा जाता है।
बाल दिवस, महिला दिवस, शांति दिवस की ही तरह प्रेस दिवस भी मनाया जाता है। परंतु प्रेस दिवस की शुरुआत कैसे हुई आइए जानते हैं -
आजादी के बाद भारत में प्रथम प्रेस आयोग की स्थापना की गई जिसने भारत में प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा को ध्यान में रखते हुए 4 जुलाई 1966 को एक प्रेस परिषद की स्थापना की, जिसने गठन के बाद 16 नवंबर 1966 को से अपना कार्य शुरू किया। तदुपरांत हर साल 16 नवंबर को राष्ट्रीय प्रेस दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन प्रेस की आजादी और समाज के प्रति उसकी जिम्मेदारियों का प्रतीक है।
तो अब आप जान गए होंगे कि राष्ट्रीय प्रेस दिवस क्यों मनाया जाता है। तो आइए मिलकर प्रेस दिवस मनाएं और समाज में साफ सुथरे दर्पण की भूमिका निभाएं।