अस्सी के दशक के मध्य उपफरैंखाल गांव ;पौड़ी गढ़वालद्ध के युवाओं द्वारा पानी की कमी को दूर करने के लिए चलाया गया यह आन्दोलन कापफी सपफल रहा। पानी की कमी से बंजर हो गये सीढ़ीदार पहाड़ी खेतों में अब पुनः हरियाली छा रही है। साथ पेड़ों की अंधाधुंध कटाई से नंगे हो गये पहाड़ एक बार पिफर घने जंगल में बदल गये हैं।
इस आन्दोलन के सूत्राधार उपफरैंखाल के शिक्षक सच्चिदानन्द भारती ने 'दूधातौली लोक विकास संस्थान' का गठन कर इस क्षेत्रा में जनजागरण और सरकारी अधिकारियों पर दबाव बनाकर वनों की अंधाधंुध कटाई को रूकवाया।
पाणी राखो आन्दोलन