खुद पे भरोसा रख के तू कुछ भी कर जायेगा
कितना भी थको हो तू पिफर भी हिमालय चढ़ जायेगा
हिम्मत रख के अपने पे तू समंदर पाटकर जायेगा
लगेगा समंदर भी दरियां की तरह होश अपने तू ना गंवायेगा
उम्मीद नहीं होगी तुझे जिसकी देखना तू वो कर दिखायेगा
खुद पे भरोसा रख के तू कुछ भी कर जायेगा
देशभक्ति, कर्मनिष्ठा, ईमानदारी जो दिखायेगा
सोचा ना होगा सपनों में तुझे वो सब मिल जायेगा
बीते कल को मत देखना के टूट कर बिखर जायेगा
सोच आगे कि तू देख आगे तभी बढ़ पायेगा
देख रहा है उपर वाला तू जो भी रास रचायेगा
दुनियां कि नजरों से बच भी जाये खुदा से कौन बचायेगा
खुद पे भरोसा रख के तू कुछ भी कर जायेगा
खुद पे भरोसा रख