पिथौरागढ़ से 91किलोमीटर तथा गंगोलीहाट से 14 किलोमीटर उत्तर में, 1350 मीटर की ऊँचाई पर, पाताल भुवनेश्वर भूमि के अन्दर एक संकरी चट्टानी गुपफा के अंदिर स्थित है। मुख्य गुपफा-मार्ग आगे कई छोटी-छोटी गुपफाओं में खुलता है। गुपफा के अंदर चट्टानों में प्राकृतिक रूप से गढ़ी हुई सूर्य, विष्णु, उमा-महेश तथा गणेश की मूर्तियां और थोड़ी ही दूरी पर ब्रह्मा-विष्णु-महेश का महालिंग है। गुपफा के द्वारों के नाम नृसिंह, शेषनाग, रानीद्वार, पापद्वार, धर्मद्वार तथा मोक्षद्वार है। गंगोली-हाट में शंकराचार्य द्वारा स्थापित महाकाली शक्तिपीठ भी तीर्थपथगामियों के आकर्षण का केन्द्र है। यहीं पाताल गंगा के अवर्णनीय दर्शन होते हैं। शिवरात्रि को यहां एक विशाल मेला लगता है।
पाताल भुवनेश्वर