हरिद्वार से लगभग 20 किलोमीटर दूर गंगनहर के किनारे रुड़की के समीप कलियर शरीपफ स्थित है। इस स्थान पर हज़रत मख़दूम उलाउद्दीन अली अहमद साबिर की दरगाह तथा मज़ार है। यह मुसलमानों का पवित्रा स्थान है। साबिर साहब का जन्म आज से 1500 साल पहले सन् 562 में अपफगानिस्तान में हुआ था। उनके जन्म से पहले ही उनकी माता को यह आभास हो गया था कि जन्म लेने वाला बालक ईश्वर का नेक बंदा होगा। छः साल की उम्र में ही साबिर साहब इबादत करने लगे थे। ऐसा कहा जाता है कि आप 12 वर्षों तक अन्न-जल के बिना केवल रूहानी शक्ति से ही जीवित रहे। आपके भक्त सभी धर्मों के लोग हैं। साबिर साहब गुमराहों के रहनुमा, मुसीबतज़दा के दस्तगीर और रूहानियत के रोशन मीनार थे। पैदाइश के रोज से ही आप चमत्कारी थे। एक साल तक, एक दिन माँ का दूध पीते थे व एक दिन रोज़ा रखते थे। दूसरे साल आप एक दिन दूध पीते थे दो दिन रोज़ा रखते थे। जुबान खुलने पर सबसे पहले आपके मुँह से जो शब्द निकले, उनका हिंदी अनुवाद-'ईश्वर के सिवाय किसी का अस्तित्व नहीं है' जाना गया है। वह गूलर के पेड़ को पकड़कर पूरे 12 वर्ष बिना कुछ खाए-पिए इबादत करते रहे। श्र(ालु लोग यहां से गूलर के पफल ले जाकर बीमारियों में लाभ प्राप्त करते हैं। इनके इंतकाल के बाद यहां एक विशाल कब्रगाह बनाई गई है। यहां रोजाना लंगर लगता है और प्रसाद बंटता है।
अजमेर शरीपफ की भांति पीरान कलियर भी मुस्लिम समुदाय की अंतर्राष्ट्रीय ख्याति की दरगाह है। देश-विदेश से शरीपफ लोग पीरान कलियर मनौती मानने, चादर चढ़ाने तथा मानव शरीर से हैवानियतों को निकालने के इरादे से वर्षभर आते रहते हैं। सालाना उर्स के अवसर पर देशभर के लाखों मुसलमान यहां एकत्रित होते हैं।
इस दरगाह का प्रबंधन वक्पफ बोर्ड समिति द्वारा किया जाजा है। दरगाह पर प्रतिवर्ष 11 रबीउलअव्वल से 14 रबीउलअव्वल तक उर्स मेला आयोजित किया जाता है, जो मई-जून में पड़ता है। मेले में एक सप्ताह पूर्व ही जायरीनों का आना प्रारंभ हो जाता है। मेले में हर उर्स पर पहले दिन छोटी रोशनी करके मेंहदी डोरी की रस्म के अंतर्गत किलकिली साहब के मजार से एक जुलूस दरगाह साबिर तक निकाला जाता है। अगले दिन बड़ी रोशनी के अंतर्गत मुशायरा तथा कव्वाली का दरगाह परिसर में ही आयोजन किया जाता है। तीसरे दिन प्रातः कलाम पाक की सूरतें व रात्रि में खत्म शरीप़फ ;कलाम का समापनद्ध किया जाता है। अंतिम दिन प्रातः से ही गुसल शरीपफ ;दरगाह की धुलाईद्ध का आयोजन किया जाता है।
पीरान कलियर