चमोली जिला मुख्यालय से लगभग 150 किमी. की दूरी पर समुद्र तल से 3600 मी. की ऊँचाई पर नर और गंध मादन पर्वतों के बीच स्थित फूलों की घाटी को 1982 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया है।
यहां पुष्पावती नदी बहती है जो कि कामेत पर्वत ;पुष्पतोया तालद्ध से निकली है। यहां का मुख्य आकर्षण हजारों किस्म के पुष्प और दुर्लभ जन्तु हैं।
पफूलों की घाटी को ढूंढने को श्रेय पर्वतारोही Úैंक स्माइथ को जाता है। Úैंक स्माइथ की पुस्तक 'द वैली आॅफ फ्रलावर' प्रकाशित होने पर पूरी दुनिया का ध्यान इसकी ओर गया।
पफूलों की घाटी को स्कन्दपुराण के केदारखण्ड में नंदनकानन कहा गया है।
महाकवि कालिदास ने मेघदूत में इसे अलका कहा है।
फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान