राजनीति और परिवारवाद

अगर दूसरे पेशे में कोई रिश्तेदार, भाई, पुत्र एक साथ काम करें तो हम बड़ी खुशी-खुशी यह कहते नहीं थकते कि कितना अच्छा हुआ है कि अमुख का भाई, पुत्र कामयाब हो गया है। अपने बडों के पदचिन्हों पर चल रहा है पर जैसे ही बात राजनीति की आती है सब के सब कालर ताने खड़े हो जाते हैं यह गलत है, यह गलत है! आखिर यह दोहरी मानसिकता क्यों? खैर मेरा टाॅपिक यह नहीं है। मेरा टाॅपिक तो यह है कि परिवारवाद की विचारधारा जहां चले जाओ वहां मिल ही जाएगा। ताजा मामला श्रीलंका का है जहां छोटा भाई गोटाबाया राजपक्षे राष्ट्रपति बन गया है और उसने बड़े भाई महिंदा राजपक्षे को प्रधानमंत्री के रूप में नामित किया है।