सब कुछ छीनो मगर.........

सब कुछ छीनो मगर.........
किसी लेखक से उसकी, कलम मत छीनो
किसी आषिक से उसकी, मोहब्बत मत छीनो
सब कुछ छीनो लेकिन 
किसी गरीब से उसकी, इज्जत मत छीनो 
रूठ जायेगा, टूट जायेगा, दिल षीषे की तरह 
किसी षराबी से उसके, प्याले को मत छीनो
किसी षमां से उसके, परवाने को मत छीनो
सब कुछ छीनो लेकिन 
किसी मरने वाले से उसकी, जिंदगी मत छीनो
वक्त से पहले ही मर जायेगा, वो जीते जीते 
किसी जिंदगी से उसकी, जिंदगी मत छीनो
किसी फूल से उसकी, कली मत छीनो 
सब कुछ छीनो लेकिन 
किसी भक्त से उसकी, पूजा मत छीनो
रूठ जायेगा, उठ जायेगा, मंदिर से भगवान तुम्हारा
फिर न कहना कि भगवान, मेरी किस्मत मत छीनो
किसी सच्चे से उसकी, सच्चाई मत छीनो
सब कुछ छीनो लेकिन 
किसी षरीफ से उसकी, षराफत मत छीनो
किसी हसीन से उसकी, नजाकत मत छीनो
किसी मंदिर से उसकी, मूरत मत छीनो
किसी दिल से उसकी, धड़कन मत छीनो
सब कुछ छीनो लेकिन 
महेष किसी दोस्त के सीने से 
उसका 'मनचला' दिल मत छीनो