सिद्धपीठ ज्वाल्पा देवी 

ज्वाल्पा देवी का अति प्राचीन सिद्धपीठ, पौड़ी-कोटद्वार मोटर मार्ग पर पौड़ी से 33 किमी. दूर नयार ;नवालिका नदी की पश्चिमी धारा ;पश्चिमी नयारद्ध के दक्षिणी तट पर स्थित है। इस स्थान के विषय में केदारखण्ड में उल्लेख है कि सतयुग में इस धाम पर दैत्यराज पुलोम की कन्या शची ने देवराज इन्द्र को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए हिमालय क्षेत्रा की की अधिष्ठात्राी देवी पार्वती की तपस्या की थी, इस पर प्रसन्न होकर महादेवी पार्वती ने दीप्यमान दीप्तज्वालेश्वरी के रूप में दर्शन देकर उसकी मनोकामना पूर्ण होने का उसे वरदान दिया था। महादेवी पार्वती का जो प्रकाशमय रूप प्रकट हुआ था, उसे स्कन्दपुराण में दीप्तज्वालेश्वरी कहा गया है। कालान्तर में यह ज्वाल्पा देवी के नाम से विख्यात हुआ।