उत्तराखंड सरकार की स्वास्थ्य सुविधाओं के भरोसे रहकर तो अपनी जान गंवाने वाले काम करने वाली बात है । उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के तीन बड़े सरकारी अस्पताल दून, कोरोनेशन, गांधी सबके सब टाईम पास हैं। किसी में ICU नहीं है तो किसी में बैड, बिस्तर, कुछ नहीं है । दून अस्पताल के ICU में तो सिर्फ चार पांच बैड हैं उसके अलावा वहां कुछ नहीं है । कोई मरीज आया तो उसे खाली स्टेचर पर लेटा दिया जाता है।
इस बात पर जब वहां के डाक्टरों से बहस हुई तो कहने लगे कि इस बाबत सबको पता है मुख्यमंत्री, मंत्री, नेता, अफसर। पर सब के सब वहां फोटो खिंचवाने के लिए आते हैं! और इंतजार करते हैं अगले दिन अखबार में छपी फोटो के लिए ।
इस पूरे प्रकरण पर सिर्फ इच्छा शक्ति की कमी है । सरकार चाहे तो सबकुछ संभव है और न चाहे तो खाली स्टेचर ही नसीब होता है । मंत्रियों को तो सरकार गिराने और तोडने के अलावा कोई काम नहीं है । अफसरों को चमचागिरी करने के अलावा काम नहीं है । बची जनता, तो जनता को दल-दल और टांग खिंचाई के अलावा कोई काम नहीं है ।
खैर, भाड़ में जाए जनता, घाट में जाए सत्ता!!!
शुभ चिंतकों, दगड्यों और परिवारजनों का सहयोग मांजी के स्वास्थ्य में सुधार का प्रतीक बन रहा है । दुआ है बीमारी आम आदमी को पकडे़ न और नेता, अफसरों को छोडे न!!!!
स्वास्थ्य सुविधा खुद अस्वस्थ हुई