अनुच्छेद 168 - एक सदनीय - विधन सभा
द्विसदनीय - विधानसभा व विधानपरिषद्
थ् इसके अन्र्तगत प्रत्येक राज्य के लिए एक विधन मण्डल की व्यवस्था की गयी है, जिसका निर्माण एक या दो सदनों से होती है।
विधन सभा अनुच्छेद 168
विधन सभा में सदस्यों की संख्या अध्कितम 500 तथा न्यूनतम 60 हो सकती है, लेकिन इस मामले में कुछ अपवाद भी हैं।
अपवाद
पंाडिचेरी -सीटें -30
सिक्किम- सीटें 32
अरूणाचल प्रदेश - सीटें - 40
गोवा - सीटें - 40
मिजोरम् - सीटें - 40
थ् विधन सभा का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है, किन्तु आपातकाल की स्थिति में उसका समय 1 साल के लिए बढ़ाया जा सकता है। लेकिन आपातकाल की समाप्ति के पश्चात् किसी भी स्थिति में 6 माह से अध्कि नहीं बढ़ाया जा सकता।
थ् राज्यपाल विधन सभा में अनु0 33 के तहत 1 एंग्लों इंडियन समुदाय के सदस्य को मनोनीत कर सकता है।
थ् कोई भी व्यक्ति एक ही समय अवध् िमें विधन मण्डल के दोनों सदनों या एक से अध्कि विधन मण्डलों की सदस्यता ग्रहण नहीं कर सकता है।
विधन मण्डल से जुड़ी जानकारी