बंगाल विभाजन तथा स्वदेशी व बहिष्कार आन्दोलन

बंगाल विभाजन की घोषणा 20 जुलाई 1905 को लार्ड कर्जन द्वारा की गई।
विभाजन के विरोध में 7 अगस्त 1905 को विरोध दिवस मनाया गया।
16 अक्टूबर को विभाजन प्रभावी हुआ तथा रविन्द्रनाथ टैगोर के कहने पर इस दिन बंगाल में रक्षा बंधन दिवस मनाया गया।
विभाजन रद्द करने की घोषणा 1911-12 के दिल्ली दरबार में की गई तथा इसे लार्ड द्वितीय के समय रद्द घोषित किया गया।
बंगाल विभाजन के दौरान स्वदेश बांधव समिति व अश्विनी कुमार दत्त ने स्वदेशी आन्दोलन को प्रारम्भ किया। इस आंदोलन में पहली बार महिलाओं ने सक्रिय भागीदारी निभायी।
छात्रों की गतिविधियोें पर अंकुश लगाने हेतु कार्लाइल सर्कुलर जारी किया गया।
स्वदेशी आन्दोलन के दौरान अनेक स्वदेशी संस्थानों की स्थापना की गई। 1906 में कलकत्ता में बंगाल नेशनल काॅलेज स्थापित किया गया, इसके प्रथम प्राचार्य अरविन्दो घोष बनाए गए। अवीन्द्र नाथ टैगोर ने इण्डियन सोसाइटी आॅपफ ओरिएण्टल आर्टस की स्थापना की।
आचार्य प्रपफुल्ल चन्द्र राय ने बंगाल केमिवलस की स्थापना की स्थापना की।
इस दौरान रविन्द्र नाथ टैगोर ने 'आमार सोनार बंगला' नामक गीत लिखा जो वर्तमान में बाग्लादेश का राष्ट्रीयगान है।
1906 में सलीमुल्ला खां व आगाखां में ढाका में मुस्लिम लीग का गठन किया।