अमर ज्योति केन्द्र त्रियुगीनारायण

रुद्रप्रयाग से 70 किमी. तथा कालीमठ से 49 किलोमीटर पर प्राचीन तीर्थ त्रियुगीनारायण है। ऐसा विश्वास है कि यहीं पर भगवान शिव और सती पार्वती का विवाह भगवान विष्णु की उपस्थिति में संपन्न हुआ था। यहां पर एक अमर ज्योति प्रज्वलित रहती है। मान्यता है कि यह सदैव जलती रहेगी। यहां से 12 किलोमीटर पर सोनप्रयाग, 31 किलोमीटर पर केदारनाथ और 44 किलोमीटर पर ऊखीमठ के तीर्थ हैं।