नन्दप्रयाग 

बदरीनाथ मार्ग पर अलकनंदा व नंदाकिनी के संगम पर नन्दप्रयाग तीर्थ स्थित है। पौराणिक कथनानुसार, सत्यवादी महाराज नन्द ने यहां पर तपस्या की थी। यहां से 'स्थूल बदरीनाथ' क्षेत्रा प्रारंभ होता है। केदारखंड पुराण में नन्दप्रयाग की महिमा इस प्रकार है-
दुरात्मानो{पि गच्छन्ति पदं दुःख विवर्जितम्।
नन्दप्रयागे स्नात्वा सम्पूज्य च रमा पतिम्।।
यहां पर राजकीय इंटर कालेज, लोक-निर्माण विभाग, वन विभाग, दिल्ली पर्यटन विभाग तथा गढ़वाल विकास निगम के विश्रामगृह व कुछ सरकारी विभागों के कार्यालय हैं।