भयभीत ग्रमीण जीवन

पहले से ही पलायन और अकेलेपन की मार सह रहे पहाङो को अब आपनो को खोने  का गम भी सताने लगा  है  । जंगली जानवरों द्वारा  आय दिन गाँवो मे हो रही घटनाओं से पहाड़ो का दर्द भी छलक रहा है । विगत महिनो मे चौबटटाखाल विधानसभा मे जंगली जानवरों द्वारा हो रहे हमलों मे गाँव निवासी भय के माहौल में जीवन यापन कर रहे हैं।  किसी परिवार का चिराग बुझ गया और  किसी को अपने को खोने का भय , इसी कसमाकस मे गाँव निवासीयो को जीवन यापन करना पड़ रहा है । परन्तु संबन्धित मंत्रालय और विभागों को उनकी सुध तक लेने का समय नही है । माना कि जंगली जानवरों का संरक्षण भी हमारी नैतिक ज़िम्मेदारी है परंतु मानव की रक्षा करने लिए ठोस कदम उठाना भी हमारा  नैतिक कर्तव्य है । इतिहास गवाह हैं जब जब पहाड़ो के समस्या को अनदेखा किया गया है तब तब ग्रामीणो द्वारा स्वंय की उसका निवारण अपने स्तर पर किया गया है  । चाहे वो राजनेताओं का हो या आदमखोर जानवरों का । आशा है कि संबन्धित विभाग इसकी सुध लेगा और भविष्य में होने वाली घटनाओं पर लगाम लगेगी ।