एनसीसी प्रकरण के बाद देवप्रयाग में भाजपा की एक और उपलब्धि

स्टोन क्रशर प्लांट को लेकर मुखर हुए ग्रामीण
टिहरी गढ़वाल की देवप्रयाग विधानसभा आजकल इतनी फेमस हो चली है कि जनता की भावनाओं के खिलाफ जो भी एक्सपेरिमेंट किए जाने चाहिए सब वहां हो रहे हैं। वर्तमान में एनसीसी प्रकरण शिफ्टिंग आंदोलन थमा भी नहीं था कि स्टोन क्रेशर प्लांट को लेकर ग्रामीण आंदोलन करने के लिए मजबूर हो गए हैं। बंद कमरों में हीटर की आंच के आगे जनता के पैसों से आनंद लेते नेताओं और अफसरों को जनता की फ़िक्र कब रही है जो वो अब करने लगे! ग्रामीण अंचलों में वैसे तो खेती करना मुश्किल हो गया है और जो कुछ खेती की जमीन बचती भी है तो वो बंद कमरे की प्लानिंग की भेंट चढ़ जा रही है। 
ताजा मामला देवप्रयाग विकासखंड के ललथ पाटों ग्राम सभा का है जहां स्टोन क्रेशर प्लांट लगाने की अनुमति बिना ग्रामीणों को विश्वास में लिए दे दी गई है जो आज वहां की आम जनता के लिए सिरदर्द बनकर आंदोलन के लिए मजबूर कर रही है। इसके चलते ग्राम प्रधान हरीश चन्द्र रतूड़ी की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गई और इस स्टोन क्रेशर प्लांट को न लगने दिया जाए इसके लिए रणनीति बनाई गई। 
गौरतलब है कि पूर्व में ललथपाटों ग्राम सभा के भट गांव में स्टोन क्रेशर प्लांट लगाने की अनुमति दी गई है। सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि यह स्टोन क्रेशर भाजपा के एक नेता का है जिनकी धर्मपत्नी अभी हाल ही में जिला पंचायत सदस्य चुनी गई हैं। 
पूर्व में अनुमति मिलने पर क्रशर संचालक द्वारा क्रशर का निर्माण शुरू किया गया तो ग्रामीणों ने काम को रुकवा कर प्रशासन के समक्ष अपना विरोध प्रकट करने के साथ ही इस सम्बन्ध में 6 माह पूर्व यूकेडी नेता गणेश भट्ट के नेतृत्व में आंदोलन भी किया था।
बैठक में ग्राम प्रधान हरीश रतूड़ी ने कहा कि बिना ग्राम सभा को विश्वास में लिए और अनापत्ति प्रमाणपत्र लिए बिना आखिर कैसे प्रशासन ने क्रशर प्लांट निर्माण की अनुमति प्रदान की?ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि विरोध के बावजूद अब फिर से प्लांट संचालक और स्थानीय प्रशासन क्रशर प्लांट खोलने को लेकर ग्रामीणों पर सत्ता का दुरुपयोग करते हुए जबरन दबाव बनाने का प्रयास कर रहे हैं। 
गणेश भट्ट ने कहा यहां पर जन सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए अस्पताल, स्कूल या फिर कोई फूड प्रोसेसिंग यूनिट खोली जाए जिससे क्षेत्र का विकास होगा और रोजगार के अवसर सृजित होंगे। यदि इस तरह की कोई योजना हो तो जनता साथ है अन्यथा शासन-प्रशासन को भारी विरोध झेलना पड़ेगा। 
बैठक में ग्रामीणों ने सर्व सहमति से तय किया कि किसी भी हाल में ग्राम सभा के भीतर ही नहीं अपितु आस पास की ग्राम सभाओं में भी क्रशर प्लांट निर्माण कार्य शुरू नहीं होने दिया जाएगा। यदि सरकार और प्रशासन ने जबरन क्रशर प्लांट खुलवाने का प्रयास किया तो इसके खिलाफ़ उग्र आंदोलन किया जाएगा। इस सम्बन्ध में क्षेत्रीय विधायक विनोद कंडारी की चुप्पी भी जनता की नाराजगी का कारण बन रही है।
बैठक में भल्ले गांव क्षेत्र पंचायत सदस्य श्रीमती सुमन भट्ट, पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य बोंगा रामपुर धन सिंह खवास, सामाजिक कार्यकर्ता खुशाल कंडारी, नारायण सिंह, दयालु मिस्त्री, भगवान सिंह, गुमान सिंह, जमुना देवी, सरोजनी देवी, नीलम देवी, कांता देवी, मीना देवी, रिखुली देवी, शक्ति देवी सहित दर्जनों ग्रामीणों ने हस्ताक्षर कर विकास खंड अधिकारी देवप्रयाग के माध्यम से टिहरी जिलाधिकारी को ज्ञापन प्रेषित किया।