जनता से बैर - वोट से प्यार - विनोद कंडारी

जनता से बैर - वोट से प्यार - विनोद कंडार
एनसीसी को अन्यत्र ले जाने के कारण पिछले 160 दिन से आंदोलनरत जनता से दूर भागकर मीडिया में सफाई देते देवप्रयाग विधायक विनोद कंडारी की बातों से प्रतीत होता है कि उनके लिए जनता कोई मायने नहीं रखती है वर्ना 2017 में मुख्यमंत्री को एनसीसी के संबंध में में लिखे हुए खुद के पत्र को भूलकर वह यह कदापि न कहते कि देवप्रयाग में एनसीसी का कोई वजूद नहीं है। यदि देवप्रयाग में एनसीसी का कोई अस्तित्व ही नहीं था मुख्यमंत्री को 2017 में पत्र लिखने का क्या औचित्य था अब यह तो विनोद कंडारी ही बता सकते हैं।
अपने विडियो में विनोद कंडारी आंदोलन को जनता को भ्रमित करने वाला बता रहे हैं जबकि आंदोलन में तो जनता ही शिरकत कर रही है। अब खुद जनता अपने आप को भ्रमित कर रही है या फिर विधायक, यह फैसला तो तभी हो पाएगा जब विनोद कंडारी आंदोलनरत लोगों के बीच जाकर स्थिति को स्पष्ट करेंगे।
आंदोलनरत गणेश भट्ट और अन्य के द्वारा सोशल मीडिया पर डाले गए विडियो में दिखाए जा रहे दस्तावेजों से साफ जाहिर होता है कि देवप्रयाग में एनसीसी स्थापित करने संबंधी प्रक्रिया गतिमान थी परंतु राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी के चलते उसकी स्थापना पर खुद क्षेत्रीय विधायक द्वारा सवाल उठाए जाने से प्रतीत होता है कि  माननीयों के लिए कुर्सी पहले है जनता बाद में।
आप भी गणेश भट्ट और अन्य के विडियो को लिंक में जाकर देखिए और सही गलत का निर्णय कीजिए कि कौन सही है कौन गलत?


https://youtu.be/0Tyzdf38FGU
आंदोलन करने वालों में गणेश भट्ट, आंदोलन संयोजक जयपाल पंवार, आंदोलन संरक्षक
सूरज पाठक, वर्तमान प्रमुख धूम सिंह, ग्राम प्रधान अरविंद सजवान, पूर्व प्रमुख रघुबीर रावत, गुड्डा कठेट, विजयपाल पंवार ज्येष्ठ प्रमुख, सुमन भट्ट, रंजू रावत, रोशनी चमोली, रजनीश तिवाड़ी प्रधान, देवेन्द्र भट्ट जिला पंचायत सदस्य आदि उपस्थित रहे। 
जबकि देवप्रयाग संगम भूमि है जहां से मां गंधगा का प्रारंभ होता है वहां मदिरालय खोले जाने पर भी अगर विधायक इतना ही विरोध करते तो माना जा सकता था कि वह जननेता हैं।