प्यार पर भारी लव

सायद..................... 
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जब से इश्क को.कुछ  यों 
लव बोलने लगे हैं लोग. 
बस तभी से इस शब्द का. 
बलात्कार करने लगे हैं लोग. 
कितनी सादगी थी पर्दा था. जब 
हिन्दी में प्रेम उर्दू मे इश्क कहते थे लोग. 
जब से लव आया है जेहन में. 
बस हवस खोजने लगे हैं लोग. 
वोतो आज भी इश्क  जिन्दा है. 
तो कुछ  तन ढक लेते हैं लोग. 
वर्ना जहाँ जहाँ लव है अक्सर. 
नंगे रहते हैं लोग... 
बहुत सादगी है संस्कृति है संस्कार है. 
मेरी हिन्दी और उर्दू में देखो. 
जाने क्यों यू मी और आई में. 
फ़सने लगे हैं लोग........ 
                         सन्दीप गढ्वाली ©®