उत्तराखंड पुलिस की पहल: खिल गए चेहरे - मिल गए बिछड़े

"जब बात अपनों को मिलाने की हो, तो कोशिश रंग जरूर लाती है"


प्रदेश में गुमशुदाओं की तलाश हेतु चलाये जा रहे ऑपरेशन स्माइल अभियान के अन्तर्गत रविवार को हरिद्वार स्थित बस स्टैण्ड के पास मुख्य आरक्षी, पंचराम शर्मा व उनकी टीम को काफी पुराने कपड़े पहने एक महिला सड़क किनारे खड़ी हुयी मिली। पुलिस टीम ने महिला के पास जाकर बातचीत की तो महिला बोली- भैया दो दिन से खाना नहीं खाया है, खाना खिला दो। 


महिला की बात सुनकर सभी भावुक हो गए और उससे कहा कि तुम परेशान मत हो, पहले बैठ जाओ। उसे बिठाकर पानी पिलवाया और फिर साथ में ले जाकर महिला को खाना खिलाया। इसके साथ ही महिला से बातचीत करते रहे। बातों-बातों में महिला ने बताया कि भैया मेरा नाम प्रेमिन साहू है और मैं ग्राम सारखी, अमनपुर, रायपुर, छत्तीसगढ़ की रहने वाली हूँ। दो महिने पहले घर से नाराज होकर मैं ट्रेन से यहां आ गयी थी, पर अब मैं घर जाना चाहती हूँ। 


पुलिस टीम ने महिला को सांत्वना दी और कहा तुम जरूर घर जाओगी। महिला से उसके पति का मोबाइल नम्बर मांगकर उसके पति अरूण साहू से बात की तो, उसने बताया कि उसकी पत्नी प्रेमिन दो माह पूर्व नाराज होकर घर से चली गयी है। जिसे वह काफी दिनों से तलाश भी कर रहा है और उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज करायी है। पुलिस टीम ने प्रेमिन की फोटो लेकर व्हट्सएप के माध्यम से अरूण को भेजी, तो अपनी पत्नी का फोटो देखकर वह रोने लगा और बोला कि हाँ यही मेरी पत्नी प्रेमिन है। पुलिस ने उसका ढांढस बढ़ाया और बताया कि उसकी पत्नी हरिद्वार में सुरक्षित है वह उसे यहां आकर अपने साथ ले जा सकते हैं।


गुरूवार को अरुण साहू अपने परिजनों के साथ हरिद्वार आये तो, प्रेमिन को सुरक्षित देख उसकी आंखों में खुशी के आंसू थे और जुबां एसी कि बोलूं तो क्या बोलूं। ऑपरेशन स्माइल टीम ने प्रेमिन को उसके परिजनों के सुपुर्द किया, तो वे पुलिस टीम का आभार व्यक्त करते थक नहीं रहे थे।


साभार फेसबुक