हरक सिंह रावत इस्तीफा दो - एनएसयूआई

युवा शक्ति है किसी भी समाज के। परंतु उत्तराखंड में शायद युवाओं को एक वोटर के रूप में देखने के सिवाए कोई तवज्जो नहीं दी जाती है। यदि ऐसा नहीं होता तो पिथौरागढ से लेकर हल्द्वानी, रूद्रपुर तक और चमोली से लेकर टिहरी, उत्तरकाशी, हरिद्वार व देहरादून तक हमारे युवा साथी आंदोलन के लिए मजबूर न होते।
युवा वर्ग कभी शिक्षा के सुधार के लिए, कभी रोजगार के लिए, कभी मूलभूत सुविधाओं के लिए आंदोलनरत रहें ऐसी आज हमने उनके सामने परिस्थितियां खड़ी कर दी हैं। क्या युवाओं का एक ही कर्म रह गया है आंदोलन करना! क्या उन्हें अपने स्वयं के भविष्य, समाज के हित के लिए तैयार करना हमारी जिम्मेदारी नहीं है! हम कब तक अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ते रहेंगे? यदि ऐसा ही चलता रहा तो युवा शक्ति का सही उपयोग करने के बजाए हम उन्हें अजीब सी विकट परिस्थितियों से घिरे गोले में खड़ा कर देंगे।
उत्तराखंड में वैसे तो नई भर्तियां पूर्णरूप से बंद पड़ी हैं परंतु भूलवश वन विभाग में फारेस्ट गार्ड भर्ती प्रक्रिया तीन साल पहले शुरू की गई थी जिस पर इस साल बमुश्किल परीक्षा का आयोजन कराया गया। जिस पर हुई धांधली के चलते इसे निरस्त कर दोबारा से कराने की मांग हो रही है। वहीं दूसरी तरफ जिला पंचायत पौड़ी में पिछले पांच साल में हुए घोटालों की मांग, पौड़ी मुख्यालय में अस्पताल के निजीकरण के विरोध और एससी, एसटी छात्रों की छात्रवृत्ति को लेकर युवाओं ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। ऐसी मांगों को लेकर आज पौड़ी में एनएसयूआई के बैनर तले छात्र-छात्राओं ने रैली निकाली और जिला प्रशासन को वन मंत्री हरक सिंह रावत के इस्तीफे की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा। इस अवसर पर एनएसयूआई के प्रभारी अनुशेष शर्मा और कांग्रेस के प्रदेश सचिव कविन्द्र इष्टवाल ने कहा कि उत्तराखंड सरकार को तत्काल इन मांगों पर कार्यवाही करनी चाहिए। सरकार को युवाओं का और आम आदमी की नजरअंदाजी आने वाले चुनाव में बहुत भारी पड़ने वाली है। इस अवसर पर एनएसयूआई जिलाध्यक्ष गौरव सागर, प्रदेश संयोजक यूथ कांग्रेस नितिन बिष्ट, आस्कर रावत, अरविंद नैथानी, राजेश भंडारी, उपेन्द्र रावत, आयुष भंडारी, शुभम रावत, सचिन रावत, प्रीति , रुच्ची , नेहा , राशि बिष्ट , तमुना रावत , खुशबू ,  कामिनी रावत आदि उपस्थित रहे।