एक तरफ हमारी केन्द्र और प्रदेश की सरकार है जो डिजिटल इंडिया का नारा लेकर काम कर रही है और आम जनता से भी उम्मीद कर रही है कि वे भी सरकार की हर योजना, जानकारी, सुविधाओं का डिजिटल माध्यमों से घर बैठे लाभ ले सके। सरकार का प्रयास है कि उससे जुड़े हर छोटे-बड़े विभाग की जानकारी आम आदमी को आसानी से मिल सके। परंतु ऐसा लगता है कि सरकार का यह प्रयास अधूरा ही रह जाएगा।
ऐसा हम नहीं कह रहे हैं बल्कि उत्तराखंड पंचायत राज विभाग की वेबसाइट www.ukpanchyat.org का दर्शन करने से पता चल रहा है। जी हां, पंचायत राज विभाग ने अपनी वेबसाइट में एक आप्शन दिया है हमसे सम्पर्क करें जिसमें दिए गए आधे से ज्याद नम्बर या तो गलत हैं या फिर लगते भी हैं तो कोई उठाने वाला नहीं है!
जिसमें निदेशक के नाम के सम्मुख अंकित मोबाइल नंबर कोई और उठा रहा है वहीं दूसरे नम्बर सहायक निदेशक के नाम के आगे अंकित मोबाइल नम्बर गलत है।
दरअसल, कुछ ग्रामीणों ने हमसे शिकायत कि नवनिर्वाचित जिला पंचायत सदस्यों, क्षेत्र पंचायत सदस्यों और ग्राम प्रधानों के नाम, नम्बर ओर पते के लिए उन्होंने जब उक्त वेबसाइट का अवलोकन किया तो जो फाईलें डाउनलोड हुई हैं वह पुरानी है उनमें नव निर्वाचित सदस्यों का कोई विवरण मौजूद नहीं है। जबकि पंचायत चुनावों को लगभग तीन महीने से ज्यादा का समय बीत गया है।
पंचायत राज विभाग की सुस्त कार्यशैली पर जिम्मेदारी किसकी बनती है इसे तय करना जरूरी है।
ऐसे में सवाल यह है कि जब पंचायतों से सम्बन्धित जानकारी ही अपडेट नहीं है तो सरकार की योजनाओं को जनता तक पहुंचाने की कोशिश क्या होगी इसका तो भगवान् ही मालिक है।
उत्तराखंड पंचायत राज विभाग सूचनाओं को अपडेट करने में फिसड्डी